ज्यादातर महिलाएं काम और परिवार में व्यस्त होने की वजह से ‘मी-टाइम’ यानी अपने लिए समय नहीं निकाल पाती हैं। अमेरिका स्थित फैमिलीज एंड वर्क इंस्टीट्यूट के एक शोध के अनुसार 25 से 54 वर्ष की दो में से एक महिला का कहना है कि उसके पास अपने लिए बिलकुल समय नहीं है। जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि अपने लिए समय निकालने से खुशहाल जिंदगी बिताई की जा सकती है।
इससे तनाव कम होता है, नींद अच्छी आती है आदि। वहीं खुद को भूलकर दूसरी चीज़ों की तरफ ध्यान देने से गुस्सा, तनाव, उदासी आदि परेशानियां बढ़ जाती हैं।
कुछ महिलांएं खुद के लिए समय निकालना पसंद नहीं करतीं। वे इसे स्वार्थी होना मानती हैं। जबकि खुद के लिए समय निकालने से शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है और अपना काम ज्यादा जोश के साथ किया जा सकता है। इसलिए पत्नी, मां, बहू जैसे किरदारों से बाहर निकलकर खुद के साथ समय बिताएं। इससे आप खुद को बेहतर तरह से समझेंगे, मानसिक तौर पर मजबूत बनेंगे और लोगों के साथ जुड़ना या उन्हें जानना पसंद करेंगे।
वहीं कुछ महिलाएं परफेक्ट कंसेप्ट को फॉलो करने लगती हैं। उन्हें लगता है कि हर चीज में घर, परिवार, बच्चे, काम आदि में परफेक्ट होने से वे इंसान नहीं, भगवान बन जाएंगी। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। जिस तरह आप दूसरे काम अच्छी तरह से करती हैं, उसी तरह अपने लिए समय निकालें। पति या परिवार के दूसरे सदस्यों को आपके लिए समय निकालने को कहें। वे बच्चों को तैयार करके स्कूल तक छोड़ सकते हैं। इससे आपके लिए अपने लिए समय निकालना आसान बन जाएगा
Source - Dainik Bhasker